एक दिनकी महोब्बत__मोहमदअली,वफा, -
14th February 2008, 10:36 AM
एक दिनकी महोब्बत__मोहमदअली,वफा, [/B]
प्यार भी कोइ एक दिन का हुआ करता है.
जीस्म में एक दिन ही खून क्या बहता है,
ईश्कतो सौदा है हर सांसे, जिंदगानीका,
प्यार वेलेंटाईन मेंही जाके कहीं रुकता है?
एक दिनकी सखावत मेरे महेबुब न मांग.
एक दिनकी महोब्बत मेरे महेबुब न मांग.
ये फूलके गजरे ,दिलों मे तीर के कागज
रोशनी गलियोंमे, ये होटलमे शोरकी आहट,
सौदा है दिलका वो भी महज एक दिन के लिये,
मीलेगी किस तरह फिर सौचो जिंदगी में राहत.
ये धोके की मुसीबत मेरे महेबुब न मांग.
एक दिनकी महोब्बत मेरे महेबुब न मांग.
एक दिन की खुशी भी खुशी होती है कभी,
एक दिन की हंसी भी हंसी होती है कभी,
एक दिन के उजालेसे तो रात टलती नहीं,
एक दिन के पीलाने से गशी होती है कभी..
युं बरसों की अदावत मेरे महेबुब न मांग.
एक दिनकी महोब्बत मेरे महेबुब न मांग
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