9th January 2014, 04:07 PM
किसी के दिल में जवाबों की चाह में उठे कुछ सवालों को पिरोने की एक कोशिश आप सभी के साथ साझा कर रही हूँ....
पूछूँ कभी तो सच बताना....
क्या याद किया है कभी तुमने मुझे...
हुई हो जब सहर या हुई हो शाम की अज़ान ??
कभी दौर-ए-महफ़िल में या कभी तन्हाई के दौर में ??
पूछूँ कभी तो सच बताना....
क्या आज भी सहेज कर रखे है तुमने...
हमारे ख़्वाब तुम्हारी यादों के दरमियान ??
वो चंद कागज़ के टुकड़े जिन पर लिखा था मैंने तुम्हारा नाम ??
पूछूँ कभी तो सच बताना...
क्या अब भी याद है तुम्हें...
वो शाम जब मिले थे हम पहली बार ??
वो झील का किनारा जहाँ हुई थी नज़रों से बातें हज़ार ??
पूछूँ कभी तो सच बताना.....
चार्वी "मेधा" जैन
"jalta hai charag bhi kisi kone me pda,
magar ye raj un tez hawao.n ko kya pta"
medha jiiiiiiiiiiiiiiiiiiii
bahut hi khubsurat ehsas hai
daaaaaaaaaaaaaad pesh hai
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