29th June 2014, 04:05 PM
aakhiri din ki ek koshish hai...
kya paa liya kya kho gaya is zikr mein kya rakha janaab
jo kho gaya muqaddar na tha jo aayegaa woh lajawaab
क्या पा लिया क्या खो गया इस ज़िक्र में क्या रखा जनाब
जो खो गया मुक़दर न था जो आएगा वह लाजवाब
Qasid
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नाम-ए-वफ़ा की जफ़ा बताएं
क्या है ज़हन में क्या बोल जाएँ
रफ़्तार-ए-दिल अब थम सी गयी है
'क़ासिद' पर अब है टिकी निगाहें
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