कई रचनाएं ऎसी होती है जिन्हें शब्दोमें झकडना चाहे तब भी हम झकड नहीं पाते... खास कर अनुवाद के रूपमें तो नहीं ही.... कविताका सौंदर्यही लुप्त हो जाता है... यह कविताभी कुछ एसी ही है... हिंदीमें अनुवाद तो करनेकी कोशिश कर रही हुं पर मूलत्व जो भावके बहाव है ऊसे समेट नहीं पा रही... फिरभी... नाकाम ही सही एक अदनासी कोशिश.... मयंक और मौसमकी की खुशी के लिए
प्यार यानि मैं नहीं
प्यार यानि तुम भी नहीं
प्यार यानि -
मैं से तुम तक पहुंचनेकी प्यारकी छोटी सडक
प्यार यानि मौसमकी बरसात नहीं
प्यार यानि बसंतका श्रिंगार नहीं
प्यार यानि -
पतझड-सहरामेंभी खील ऊठी हो एक कुपल
प्यार यानि श्यामही नहीं
प्यार यानि राधाही नहीं
प्यार यानि -
श्यामकी बंसीसे बहते राधाकी भावनाके सूर
प्यार यानि कह्ने जैसी बात नहीं
प्यार यानि सुंदर शब्दोकी लाश नहीं
प्यार यानि -
दिलमें उमडती मौन भावनाकी खुश्बु