अरे हमें तो अपनों ने लूटा,-------Wahin chot jyada lagti hai..
गैरों में कहाँ दम था.
मेरी हड्डी वहाँ टूटी,
जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.-------
मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला,
उसका पेट्रोल ख़त्म था. .............
[/B]मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया,
क्योंकि उसका किराया कम था.----------
मुझे डॉक्टरों ने उठाया,
नर्सों में कहाँ दम था.
मुझे जिस बेड पर लेटाया,
उसके नीचे बम था............
मुझे तो बम से उड़ाया,
गोली में कहाँ दम था...................
और मुझे सड़क में दफनाया,
क्योंकि कब्रिस्तान में फंक्शन था.........
~nm~
Mayankji...................
thanks for sharing... bahot maza aaya padhkar.....
Ghazal.....
~*~Kaash Dil ki aawaz mein aisa asar ho jaaye
Jise Hum Yaad karte hai use Khabar ho jaaye ~*~
अरे हमें तो अपनों ने लूटा,
गैरों में कहाँ दम था.
मेरी हड्डी वहाँ टूटी,
जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.
wah wah kya kismat hai....
मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला,
उसका पेट्रोल ख़त्म था
मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया,
क्योंकि उसका किराया कम था
hehehehe................majedaar hai
मुझे डॉक्टरों ने उठाया, ab 150kg ka boja hoga to najuk si nurse thodey na utha payegi
नर्सों में कहाँ दम था
मुझे जिस बेड पर लेटाया,
उसके नीचे बम था
gr8..........sone pe suhaga offer tha kya yeh
मुझे तो बम से उड़ाया,
गोली में कहाँ दम था.
और मुझे सड़क में दफनाया,
क्योंकि कब्रिस्तान में फंक्शन था
~nm~
hehehehehehhahahahahaha....
majja aa gaya padkar...........hahahahahaha
Quote:
Originally Posted by nihar
mayan ji aadaab
nice one yaar keep sharing
subhe ki suruaat aaj muskurahat ke sath karwane ke liye aap ka bahot shukriya dear
lo ji kar lo baat......yeh MAYANK se MAYAN kab ban gaye aap janab.....
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.....Sunita Thakur.....
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया
....के तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए...