आज के युग का
सबसे बड़ा सवाल ,
अल्ट्रासाउंड मे दिखाई दी कन्या
गर्भ के सागर मेँ
आ गया भूचाल।
मै पूछता हूँ आपसे
मुझे यह बताएं ?
क्योँ हो रहीँ गर्भ मे
कन्या भ्रूण की हत्याएं।
इस सवाल के उत्तर मे
हमे रात भर नीँद नहीँ आई
करवटेँ बदलते-बदलते
रात बिताई
भोर की मस्ती मेँ पलकेँ अलसाई
झुकीँ और नीँद आई।
क्या देखते हैँ हम कि गर्भ के सागर मे गोते लगा रहे है
सामने एक भ्रूण मेँ
कन्या के दर्शन पा रहे हैं।
कन्या जो गर्भ के सागर मे पलती है
कन्या एक खुशबू है
जो धरती की खुशबू पाने के लिए मचलती है।
कन्या जो सृष्टि का श्रंगार है कन्या जो कभी शीतल हवा तो कभी धधकता अंगार है कन्या जो कभी सीता तो कभी दुर्गा का अवतार है।
हमेँ उसको मारने का
क्या अधिकार है ?
कन्या जो कभी मदर
टेरेसा है
तो कभी रानी लक्ष्मी बाई
उसने मुझे देखा और मुस्कुराई
बोली-अरे कवि
तुम यहां ?
मैने कहा हाँ
जहां न पहुचे रवि
वहां पहुंचे कवि।
कवि के नूतन भावोँ से
जुड़ जाओगी
पृथ्वी पर जल्दी ही उजागर हो जाओगी।
उसने मुझे बताया
मैँ उसी संसार मे जाने के लिए यहां जप कर रही हूँ
अपनी जननी की सुरक्षा
के लिए व्रत और तप कर रही हूँ
जननी,
जिसके गर्भ मे पलता है सृष्टि की रचना का
महान बीज मंत्र।
मैने टोका- हाँ उसी बीज मंत्र को बाहर निकाल कर फेँक देते है
अदना - सा
एक मानवी यंत्र।
उस समय तुम्हारा भगवान कहां सोता है
कहते हैँ कि मारने वाले से बचाने वाला बलवान
होता है ?
उसने मुझे बताया -
मेरा भगवान तो हर समय सुरक्षा करता है
मेरे गर्भ का कवच बनकर मेरी रक्षा करता है।
तभी वहां साक्षात मौत का शिकंजा आया
गर्भ के सागर मेँ
जैसे भूचाल आया
उसने झट उस कन्या के भ्रूण को वहीँ धर दबाया।
तब मुझे उसकी चीख
सुनाई दी
जो उसके अंतः करण से
आई थी -
सुनो कवि
तुम यह जानना चाहते हो
जिसको बनाने वाला भगवान होता है
फिर यहां उसका क्या बलिदान होता है
मैँ अपनी जननी की सुरक्षा के लिए खुद बलिदान कर देती हूँ
क्योकि वह मेरी मां है
मै उसकी बेटी हूँ
यह माना कि लड़के से वंश चलता है
लेकिन जननी के गर्भ मेँ तो वंश पलता है।
तभी मेरी छोटी बिटिया ने मुझे सोते से जगा दिया
मरते-मरते भी मुझे उसने यह सत्य समझा दिया
कि जननी का गर्भ ही मन्दिर से महान् होता है
जिससे सृष्टि का निर्माण होता है
जिसको बनाने वाला
खुद भगवान होता है......
_______________________
द्वाराः प्रेम किशोर पटाखा