Shayri.com
>
Search Forums
Search Results
User Name
Remember Me?
Password
Page 1 of 4
1
2
3
4
>
Showing results 1 to 40 of 146
Search took
0.01
seconds.
Search:
Posts Made By:
NakulG
Forum:
Ghazal Section
9th April 2018, 04:48 PM
Replies:
4
खो गया हूँ शहर की रफ्तार में
Views:
2,278
Posted By
NakulG
शुक्रिया धवल जी ...
शुक्रिया धवल जी ।
Forum:
Ghazal Section
22nd March 2018, 02:01 PM
Replies:
4
खो गया हूँ शहर की रफ्तार में
Views:
2,278
Posted By
NakulG
शुक्रिया जनाब। ...
शुक्रिया जनाब। ।
Forum:
Ghazal Section
22nd March 2018, 02:00 PM
Replies:
6
एक तरही ग़ज़ल
Views:
2,762
Posted By
NakulG
शुक्रिया जनाब। ...
शुक्रिया जनाब। ।
Forum:
Ghazal Section
20th March 2018, 11:30 PM
Replies:
4
खो गया हूँ शहर की रफ्तार में
Views:
2,278
Posted By
NakulG
खो गया हूँ शहर की रफ्तार में
आज अरसे बाद लौटा हूँ। ऐसा लग रहा है कि मैं बूढ़ा हो रहा हूँ।
लीजिये, sdc की यादों को ताज़ा करते हुए एक ग़ज़ल यहाँ छोड़ जा रहा हूँ। इधर से गुज़रा था, सोचा सलाम करता चलूँ...
ग़ज़ल
खो गया हूँ शहर की...
Forum:
Anjuman-e-Shayri
20th March 2018, 11:22 PM
Replies:
4
ख़ाब
Views:
3,674
Posted By
NakulG
शुक्रिया मधू जी। ...
शुक्रिया मधू जी। ।
Forum:
Ghazal Section
20th March 2018, 11:21 PM
Replies:
6
एक तरही ग़ज़ल
Views:
2,762
Posted By
NakulG
शुक्रिया कबीर जी। आपकी तारीफ़ से दिल बाग बाग हो...
शुक्रिया कबीर जी।
आपकी तारीफ़ से दिल बाग बाग हो गया
।
Forum:
Ghazal Section
20th March 2018, 11:19 PM
Replies:
6
इज़्तिराबी अज़ाब की सी
Views:
2,556
Posted By
NakulG
शुक्रिया कबीर जी। ...
शुक्रिया कबीर जी। ।
Forum:
Ghazal Section
20th March 2018, 11:18 PM
Replies:
11
ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा
Views:
2,324
Posted By
NakulG
शुक्रिया कबीर जी। ...
शुक्रिया कबीर जी। ।
Forum:
Ghazal Section
20th March 2018, 11:16 PM
Replies:
4
रखता है आसतीं में जो ख़ंजर लपेटकर
Views:
2,013
Posted By
NakulG
शुक्रिया कबीर जी
शुक्रिया कबीर जी
Forum:
Ghazal Section
20th March 2018, 11:14 PM
Replies:
7
तेरी हाँ में हाँ न मिला सका
Views:
2,252
Posted By
NakulG
शुक्रिया कबीर जी। ...
शुक्रिया कबीर जी। ।
Forum:
Ghazal Section
20th March 2018, 11:13 PM
Replies:
6
हिचकियों ने कल सताया देर तक
Views:
2,462
Posted By
NakulG
शुक्रिया क़ासिद जी शुक्रिया कबीर जी। ...
शुक्रिया क़ासिद जी
शुक्रिया कबीर जी। ।
Forum:
Anjuman-e-Shayri
3rd July 2017, 08:35 PM
Replies:
4
ख़ाब
Views:
3,674
Posted By
NakulG
ख़ाब
आज दिन भर थी परेशान अम्मा
ख़ाब कल रात बुरा देखा था
~नकुल
Forum:
Ghazal Section
2nd July 2017, 05:01 PM
Replies:
4
चीड़ के फूल हैं गिरे हर सू
Views:
1,981
Posted By
NakulG
तहे दिल से शुक्रिया ...
तहे दिल से शुक्रिया ।
आभार
Forum:
Shayri-e-Ishq
2nd July 2017, 05:00 PM
Replies:
5
ईद मुबारक़
Views:
1,481
Posted By
NakulG
शुक्रिया जी। ...
शुक्रिया जी। ।
Forum:
Shayri-e-Ishq
2nd July 2017, 04:58 PM
Replies:
5
ईद मुबारक़
Views:
1,481
Posted By
NakulG
वाह। । शुक्रिया
वाह। ।
शुक्रिया
Forum:
Shayri-e-Ishq
26th June 2017, 02:56 PM
Replies:
5
ईद मुबारक़
Views:
1,481
Posted By
NakulG
ईद मुबारक़
#ईद_मुबारक़
ईद का चाँद भी था, वो भी खड़े थे छत पर
इससे बढ़ कर भी कभी ईद मुबारक़ होगी?
~नकुल
Forum:
Ghazal Section
26th June 2017, 02:54 PM
Replies:
4
चीड़ के फूल हैं गिरे हर सू
Views:
1,981
Posted By
NakulG
शुक्रिया मधू जी ...
शुक्रिया मधू जी ।
Forum:
Ghazal Section
19th June 2017, 08:51 PM
Replies:
4
चीड़ के फूल हैं गिरे हर सू
Views:
1,981
Posted By
NakulG
चीड़ के फूल हैं गिरे हर सू
~ग़ज़ल~
चीड़ के फूल हैं गिरे हर सू,
और ये माज़ी के सिलसिले हर सू।
सुस्त से पड़ गए सभी बादल,
पर्वतों पर घिरे घिरे हर सू।
उंघते आसमां के कैनवस पर,
रंग कितने ही थे भरे हर सू।
Forum:
Ghazal Section
11th February 2017, 03:11 PM
Replies:
6
एक तरही ग़ज़ल
Views:
2,762
Posted By
NakulG
शुक्रिया मधू जी ...
शुक्रिया मधू जी ।
Forum:
Ghazal Section
8th February 2017, 03:38 PM
Replies:
6
एक तरही ग़ज़ल
Views:
2,762
Posted By
NakulG
एक तरही ग़ज़ल
कमी सी खल रही थी शायरों की
लो बस्ती आ गयी है आशिकों की
हवेली थी यहीं कुछ साल पहले
जुड़ी छत कह रही है इन घरों की
मेहरबां है वो मुझपर आज कितना
महक सी आ रही है साज़िशों की
हुआ था मुझसे भी ये...
Forum:
Shayri-e-Dard
21st November 2016, 10:41 AM
Replies:
4
फूल नीले
Views:
1,533
Posted By
NakulG
Sukriya qasid ji Shukriya shaad ji Shukriya...
Sukriya qasid ji
Shukriya shaad ji
Shukriya Madhu ji
Forum:
Shayri-e-Dard
17th November 2016, 02:37 PM
Replies:
4
फूल नीले
Views:
1,533
Posted By
NakulG
फूल नीले
आज़ाद नज़्म
फूल नीले इस गली में
आज भी खिलते हैं लेकिन
अब नहीं वो बात इनमें
अब महक वैसी नहीं है
मैं न कहता था कि शायद
ये महक इनकी नहीं है।
ले गयीं हो तुम महक भी
Forum:
Ghazal Section
17th October 2016, 08:51 PM
Replies:
11
ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा
Views:
2,324
Posted By
NakulG
शुक्रिया sir। ...
शुक्रिया sir। ।
Forum:
Ghazal Section
11th October 2016, 11:40 AM
Replies:
4
रखता है आसतीं में जो ख़ंजर लपेटकर
Views:
2,013
Posted By
NakulG
शुक्रिया जी। ...
शुक्रिया जी। ।
Forum:
Ghazal Section
10th October 2016, 08:45 PM
Replies:
4
रखता है आसतीं में जो ख़ंजर लपेटकर
Views:
2,013
Posted By
NakulG
रखता है आसतीं में जो ख़ंजर लपेटकर
करता है बात अम्न की अक्सर लपेटकर
रखता है आसतीं में जो ख़ंजर लपेटकर
हर रोज़ घूमता है कड़ी धूप में फ़क़ीर
तावीज़ बेचता है मुक़द्दर लपेटकर
उसने ग़ज़ल कही कि निचोड़ा है दिल कोई
कागज़ में रख दिया है समन्दर...
Forum:
Ghazal Section
26th September 2016, 09:38 PM
Replies:
11
ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा
Views:
2,324
Posted By
NakulG
शुक्रिया सुनीता जी। ...
शुक्रिया सुनीता जी। ।
Forum:
Ghazal Section
26th September 2016, 09:37 PM
Replies:
11
ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा
Views:
2,324
Posted By
NakulG
शुक्रिया मुजाहिद भाई। ...
शुक्रिया मुजाहिद भाई। ।
Forum:
Ghazal Section
25th September 2016, 12:11 PM
Replies:
6
हिचकियों ने कल सताया देर तक
Views:
2,462
Posted By
NakulG
शुक्रिया मधू जी शुक्रिया सुनीता जी
शुक्रिया मधू जी
शुक्रिया सुनीता जी
Forum:
Ghazal Section
24th September 2016, 10:27 AM
Replies:
11
ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा
Views:
2,324
Posted By
NakulG
शुक्रिया मधू जी शुक्रिया धवल जी
शुक्रिया मधू जी
शुक्रिया धवल जी
Forum:
Ghazal Section
22nd September 2016, 10:11 PM
Replies:
6
हिचकियों ने कल सताया देर तक
Views:
2,462
Posted By
NakulG
हिचकियों ने कल सताया देर तक
ज़ुल्म मुझ पर उसने ढाया देर तक
हिचकियों ने कल सताया देर तक
बाग़ में ताज़ा कली को देख कर
एक भँवरा गुनगुनाया देर तक
कल अमावस हो गयी पूनम हुज़ूर
चाँद छत पर मुस्कुराया देर तक
मोर ने अंगड़ाइयाँ जब...
Forum:
Ghazal Section
22nd September 2016, 10:06 PM
Replies:
11
ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा
Views:
2,324
Posted By
NakulG
ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा
अब मेरे दिल में नहीं है घर तेरा
ज़िक्र होता है मगर अक्सर तेरा
हाँ! ये माना है मुनासिब डर तेरा
आदतन नाम आ गया लब पर तेरा
भूल तो जाऊँ तुझे पर क्या करूँ
उँगलियों को याद है नम्बर तेरा
कर गया...
Forum:
Ghazal Section
22nd September 2016, 10:05 PM
Replies:
7
तेरी हाँ में हाँ न मिला सका
Views:
2,252
Posted By
NakulG
मधू जी, क़ासिद जी, धवल जी, सुनीता जी पसंद...
मधू जी, क़ासिद जी, धवल जी, सुनीता जी
पसंद करने के लिए
सभी का आभार
Forum:
Ghazal Section
11th June 2016, 03:39 PM
Replies:
6
इज़्तिराबी अज़ाब की सी
Views:
2,556
Posted By
NakulG
Shukriya Shaad ji Shukriya sunita ji Shukriya...
Shukriya Shaad ji
Shukriya sunita ji
Shukriya Madhu ji
Forum:
Ghazal Section
11th June 2016, 03:38 PM
Replies:
7
तेरी हाँ में हाँ न मिला सका
Views:
2,252
Posted By
NakulG
तेरी हाँ में हाँ न मिला सका
न तो झूट मैंने कहा कभी न ही सच का साथ निभा सका
मेरी हार का है सबब कि मैं तेरी हाँ में हाँ न मिला सका
मैं था जिसका अरसे से मुन्तज़िर वो मिला हो जैसे इक अजनबी
न तो बात उस से हुई कोई न गले उसे मैं...
Forum:
Ghazal Section
1st March 2016, 03:24 PM
Replies:
6
इज़्तिराबी अज़ाब की सी
Views:
2,556
Posted By
NakulG
इज़्तिराबी अज़ाब की सी
इज़्तिराबी अज़ाब की सी है
उस पे चाहत सराब की सी है
शायरी बिन तेरे तस्सव्वुर के
ख़ाली बोतल शराब की सी है
लब झिझकते हैं उसको छूने में
“पंखुड़ी इक ग़ुलाब की सी है”
सादगी से सजी तेरी सूरत
Forum:
Humourous Shayri
11th February 2016, 07:08 PM
Replies:
3
हज़ल
Views:
3,827
Posted By
NakulG
Shukriya Shaad ji Shukriya Madhu ji ...
Shukriya Shaad ji
Shukriya Madhu ji .
Forum:
Humourous Shayri
10th February 2016, 08:47 PM
Replies:
3
हज़ल
Views:
3,827
Posted By
NakulG
हज़ल
हज़ल
सरे राह बारिश में छाता उड़ा कर
तेरा भीग जाना गज़ब हो गया
जो होली के दिन भी नहीं थी नहाती
तेरा कल नहाना गज़ब हो गया
तेरे सुर्ख़ होंठों पे ये मुस्कुराहट
नज़रबट्टुओं की हो जैसे बनावट
लहू पी के...
Forum:
Ghazal Section
27th December 2015, 11:24 AM
Replies:
6
छिपाके यार तबस्सुम में बेक़रारी रख
Views:
1,304
Posted By
NakulG
Thanks Shaad ji Thanks Arvind ji ...
Thanks Shaad ji
Thanks Arvind ji .
Forum:
Ghazal Section
26th December 2015, 11:57 AM
Replies:
6
छिपाके यार तबस्सुम में बेक़रारी रख
Views:
1,304
Posted By
NakulG
शुक्रिया मधू जी शुक्रिया इश्क़ जी। ...
शुक्रिया मधू जी
शुक्रिया इश्क़ जी। ।
Forum:
Ghazal Section
25th December 2015, 03:37 PM
Replies:
6
छिपाके यार तबस्सुम में बेक़रारी रख
Views:
1,304
Posted By
NakulG
छिपाके यार तबस्सुम में बेक़रारी रख
ऐ दिल हमारे बस इक इल्तिजा हमारी रख
ये राज़ राज़ रहे थोड़ी होशियारी रख
इन आसुंओं पे लगा बाँध टूट जाने दे
बहा दे बोझ ऐ दिल! यूँ न ख़ुद को भारी रख
ज़रा तो सब्र से ले काम चाँद आने तक
“छिपाके यार...
Showing results 1 to 40 of 146
Page 1 of 4
1
2
3
4
>
Forum Jump
User Control Panel
Private Messages
Subscriptions
Who's Online
Search Forums
Forums Home
Shayri
Shayri-e-Ishq
Shayri-e-Dard
Gauhar-e-shayri.com
Shayri-e-Sharaab
Shayri-e-Mashahoor Shayar
Aapki Shayri
Anjuman-e-Shayri
Shayri Ki Paathshaala
Humourous Shayri
Ghazal Section
Darpan
Announcements
Site Announcements
Lyrics
Hindi/Urdu Lyrics
Sahir Ludhianvi
Majrooh Sultanpuri
English Lyrics
English/Hindi/Other Languages Poetry
English Poetry
Hindi Kavitayen
Gujarati Poetry
Punjabi Poetry
SMS Shayri
Doston Ki SMS Shayri
Pyaar Bhari SMS Shayri
Mazaakiya SMS Shayri
Doha Section
Delightful Dohas
Kabir ke Dohe
Devotional Songs
Stories/Quotes/Anecdotes
General Stories
Inspiring Stories
Informative Stories
Quotable Quotes
Dictionaries
Urdu Dictionary
Personal Messages
Feedback and Suggestions
Introduction Forum
Celebrations
Chit-Chat & General Discussion Forum
Powered by vBulletin® Version 3.8.5
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
vBulletin Skin developed by:
vBStyles.com
Contact Us
-
www.shayri.com
-
Archive
-
Top