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Originally Posted by ISHK EK IBADAT
हाथों की लकीरों में तेरा नाम लिखा है
गौर से देखा तो इक पैगाम लिखा है
फना होना है हर पल को किस तरह
जिंदगी का यही फलसफा आम लिखा है
जीवन नाम है मिलन और जुदाई का
आजाब से पहले मिलन का कलाम लिखा है
तेरे अक्स को शब्दों में न बांध सका कोई
लिखने वाले ने बस तुझे सलाम लिखा है
कौन जाने कहाँ जाना है मरने के बाद
'इश्क' के हाथों में उसका मुकाम लिखा है
राधे राधे
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bahot khoob rajinder jee.......... bahot accha likha hai aapne, ehsaas bahot acche lage... likhte rahiye...
Shaad....