वह *हंसा *हंस * क़े *मिला *और *यूं *दिखता *है -
18th October 2014, 07:10 PM
वह *हंसा *हंस * क़े *मिला *और *यूं *दिखता *है मगर ,
यह *है *व्यापार * उसका इस *क़े *सिवा कुछ भी नहीं i **
*खेलो * *और *तोड़ * ही * डालो *सभी * खिलौनों * को ,
यह *है *बस *प्यार *उसका इसके सिवा *कुछ भी नहीं i
उड़ाना अपनी अदाओं से नींद रातों की चैन दिलों का ,
यह *है *क़रार *उसका *इस *क़े *सिवा *कुछ *भी *नहीं i
सारी * खुशियां *मिलें *सोना *मिले * हीरे * जवाहरात ,
यह *है *इज़हार *उसका *इस *क़े *सिवा कुछ भी नहीं i*
क़त्ल * करने *को * मिलें *जज़्बात * रोज़ *अपनों * क़े ,
यह *है *इंतज़ार *उसका *इसके *सिवा *कुछ *भी *नहीं i
nm
Anil Arora
Naulekahe par tere khoon ki boond hai,
Motiyo ki jagah par jada kaun hai,
Jiski khatir daga chandini se kare,
Puch suraj ki woh dilruba kaun hai?
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