अजी रूठकर अब कहा जाईयेगा -
10th November 2014, 10:34 PM
अजी रूठकर अब कहा जाईयेगा
जहा जाईयेगा, हमें पाईयेगा
निगाहों से छूपकर दिखाओ तो जाने
ख़यालों में भी तुम ना आओ तो जाने
अजी लाख परदों में छूप जाईयेगा
नज़र आईयेगा, नज़र आईयेगा
जो दिल में है होठों पे लाना भी मुश्किल
मगर उसको दिल में छुपाना भी मुश्किल
नज़र की जुबान से समझ जाईयेगा
समझकर ज़रा गौर फरमाईयेगा
ये कैसा नशा है, ये कैसा असर है
ना काबू में दिल है, ना बस में नज़र है
ज़रा होश आ ले, चले जाईयेगा
ठहर जाईयेगा, ठहर जाईयेगा
Last edited by Mann; 10th November 2014 at 10:36 PM..
|