Ishq fir kar liya -
12th July 2022, 05:15 PM
देख के फिर से तुझे
हो गयी थी मोहब्बत
तूने बोला गुनाह!!
हमने कुबूल कर लिया....
हमने पूछा भी था
क्यूँ हो अब तलक तन्हां!!!
तूने लगा के इल्ज़ाम
कत्ल फिर कर दिया....
आंख फिर भर गई
धड़कन भी बढ़ गयी!!!
तूने लगा के गले
अपना फिर कर लिया....
दिन भी कटने लगा
रात भी गुज़रने लगी!!!
तेरे ठिकाने को हमने
घर अपना कर लिया....
होश तुझे न था
बेखबर सा मैं था!!!!
तूने मेरा मैने तेरा
फिर नशा कर लिया....
सुबह तेरे नाम से
रात तेरे जाम से!!!!
हमने भुला के जहां
इश्क़ फिर कर लिया....
एक हाथ में दिल उनके एक हाथ में खंजर था
चेहरे पे दोस्त का मुखौटा अजीब सा मंजर था
Arvind Saxena
Ph. No. 7905856220
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