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Originally Posted by Baghbaan
वो सिर्फ लफ्ज़ थे या कुछ और थे
मुझसे कभी जो कहे थे
मैं समझ कर भी न समझ पाया
वो पल जो कुछ कह रहे थे
वो माने या ना माने मगर
इतना तो मुझको यकीन है
झूठा नहीं था वो समा
बस पल वो कुछ पल ही रहे थे
फिर आज ये कैसी कसक
महसूस हो रही है 'यश'
शायद चुभन उस दर्द की
आंसू में कल जो बहे थे
जसपाल (Baghbaan)
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Bohat khoob yash ji..
Aapse ek guzarish hai...ke aap roman hindi me bhi post karein...taaki sab isay padh sakein....kuch members ko yahaan hindi nahi aati......