दोस्तों को दिल भी देके हमने देखा
किसी ने इधर फेंका किसी ने उधर फेंका
आग जब भी मेरे दिल में जलती देखी
दोस्तों ने अपना बस हाथ ही सेंका
थे कल तक जिन आँखों के तारे
आज उसी में अपने को किरकिरी देखा
सुना था मैंने जख्म नासूर बन जाते हैं
आज नासूर को दिल बनते हुए देखा
Aru bhai....bahut dino baad aapko padne ka mokka mila hai, lagta hai bahut busy ho gye haiN aap aapki rachna ke ehsaas hame behad pasand aaye. aate rha kijiye.
god bless u
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.....Sunita Thakur.....
यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया
....के तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए...