आजकल रिश्तों पर धन दौलत भारी -
13th August 2015, 04:58 PM
आजकल रिश्तों पर धन दौलत भारी
भाई को भाई से ज्यादा दौलत प्यारी
एक पूरा दिन पसीना बहा कर कमाए
एक अपने ऐशो आराम में उड़ाए
एक दुःख दर्द कर्ज का डूबा हुआ
दूजे की दुनियां ही है सबसे न्यारी
आजकल रिश्तों पर धन दौलत भारी
भाई को भाई से ज्यादा दौलत प्यारी
माँ बाप की हर चीज़ पर हक़ जमा रखा है
दूजे भाई का भी हक़ दबा रखा है
माँ बाप भी उसके ही संग संग है
बेईमानी के सामने सच्चाई हारी
आजकल रिश्तों पर धन दौलत भारी
भाई को भाई से ज्यादा दौलत प्यारी
एक को परदेश में खाने के लाले पड़ें है
पूरा दिन दौड़ता है पाँव में छाले पड़े हैं
दूजा बाप की दौलत पर मौज से जी रहा
उसके लिए है दौलत ही है दुनियां सारी
आजकल रिश्तों पर धन दौलत भारी
भाई को भाई से ज्यादा दौलत प्यारी
maNzil pr nazar rakhtaa huN
zaari apnaa safar rakhtaa huN !!
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